संगठन रचना
अकादेमी की अधिकारी संस्थाएँ
अकादेमी की चरम सत्ता एक निन्यानवे सदस्यीय परिषद् (सामान्य परिषद्) में न्यस्त है, जिसका गठन निम्नांकित ढंग से होता है
- अध्यक्ष,
- वित्तीय सलाहकार,
- भारत सरकार द्वारा मनोनीत पाँच सदस्य,
- भारत सरकार के राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों के पैंतीस प्रतिनिधि,
- साहित्य अकादेमी द्वारा मान्यता प्राप्त भाषाओं के चौबीस प्रतिनिधि,
- भारत के विश्वविद्यालयों के बीस प्रतिनिधि,
- साहित्य-क्षेत्र में अपने उत्कर्ष के लिए परिषद् द्वारा निर्वाचित आठ व्यक्ति एवं संगीत नाटक अकादेमी, ललित कला अकादेमी, भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद्, भारतीय प्रकाशक संघ और राजा राममोहन राय लाइब्रेरी फ़ाउंडेशन के एक-एक प्रतिनिधि।
साहित्य अकादेमी की व्यापक नीति और उसके कार्यक्रम के मूलभूत सिद्धांत परिषद् द्वारा निर्धारित किए जाते हैं और उन्हें कार्यकारी मंडल के प्रत्यक्ष निरीक्षण में क्रियान्वित किया जाता है। प्रत्येक भाषा के लिए परामर्श मंडल है, जिसके सदस्य प्रसिद्ध लेखक और विद्वान होते हैं और उन्हीं के परामर्श पर तत्संबंधी भाषा का विशिष्ट कार्यक्रम नियोजित एवं कार्यान्वित होता है।
परिषद् का कार्यकाल पाँच वर्ष का होता है। वर्तमान परिषद् अकादेमी की स्थापना के बाद तेरहवीं है और इसकी प्रथम बैठक फ़रवरी 2013 में संपन्न हुई। अकादेमी के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, भाषाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले कार्यकारी मंडल के सदस्यों और वित्त समिति के लिए सामान्य परिषद् के एक प्रतिनिधि का निर्वाचन परिषद् द्वारा किया जाता है। विभिन्न भाषाओं के परामर्श मंडल कार्यकारी मंडल द्वारा नियुक्त किए जाते हैं।
कार्यकारी मंडल का गठन निम्नलिखित सदस्यों से होगा :
- अध्यक्ष;
- उपाध्यक्ष;
- वित्तीय सलाहकार;
- भारत सरकार द्वारा परिषद् के लिए मनोनीत सदस्यों में से दो सदस्य; और
- भारत के संविधान में परिगणित और अकादेमी द्वारा मान्य भाषाओं का प्रतिनिधित्व करने के लिए परिषद् के सदस्यों में से निर्वाचित एक-एक व्यक्ति।
जिसका उल्लेख पूर्ववर्ती वाक्य में किया गया है, भाषाओं के प्रोत्साहन हेतु अध्यक्ष अपने विवेक द्वारा सामान्य परिषद् के किसी भी सदस्य को कार्यकारी मंडल की किसी भी बैठक में आमंत्रित कर सकते हैं तथा उसको अकादेमी की गतिविधियों में शामिल कर सकते हैं।
वित्त समिति में निम्नलिखित सदस्य होंगे :
- वित्तीय सलाहकार;
- भारत सरकार द्वारा मनोनीत एक व्यक्ति (जिसका परिषद् के सदस्यों में से होना आवश्यक नहीं है);
- परिषद् का एक प्रतिनिधि (अकादेमी के उपाध्यक्ष के अलावा);
- कार्यकारी मंडल द्वारा नामित एक व्यक्ति, जिसका परिषद् का सदस्य होना आवश्यक नहीं है; और
- अकादेमी का उपाध्यक्ष वित्त समिति का पदेन अध्यक्ष होगा।
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अद्यतन : 26.11.2024
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